प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को मूल्य समर्थन योजना यानि प्राइस सपोर्ट स्कीम और मूल्य स्थिरीकरण कोष यानि प्राइस स्टैबिलाइजेशन फंड के तहत खरीदे गए दालों के स्टॉक से अलग अलग कल्याणकारी योजनाओं में उपयोग के लिए रियायती दर पर चना दाल देने को मंजूरी दी है। केंद्र सरकार राज्यों को 8 रुपये प्रति किलो की छूट पर 15 लाख मीट्रिक टन चना दाल देगी।
राज्यों को कैसे मिलेगा योजना का लाभ
इस योजना के तहत, विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों को ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर आपूर्ति करने वाले राज्य के निर्गम मूल्य पर 8 रुपये प्रति किलोग्राम की छूट पर 15 लाख मीट्रिक टन चने के उठाव की पेशकश की गई है। इससे विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को अपने-अपने राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश में मिड-डे मील यानि मध्याह्न भोजन के साथ साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली और समेकित बाल विकास कार्यक्रम यानि आईसीडीपी जैसी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों में इन दालों का उपयोग करने की सुविधा मिलेगी।

चना दाल पर कितने समय की छूट
यह छूट 12 महीने की अवधि के लिए या चने के 15 लाख मीट्रिक टन स्टॉक के पूर्ण निपटान तक, जो भी पहले हो, एकमुश्त होगी। इस योजना के कार्यान्वयन पर सरकार 1200 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
चना दाल का किन योजनाओं में होगा इस्तेमाल
इससे राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली, मिड-डे मील यानि मध्याह्न भोजन योजना वगैरह जैसी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में चने का उपयोग करने की सुविधा मिलेगी।

केंद्र सरकार की ओर से मिलेगा किसानों को लाभ
इसके अलावा, इन कदमों से आगामी रबी मौसम में मूल्य समर्थन योजना के तहत खरीदे जाने वाले ताजा स्टॉक को समायोजित करने के लिए गोदामों में पर्याप्त जगह उपलब्ध कराई जा सकेगी. और किसानों को दालों का लाभकारी मूल्य दिलाने में मदद मिलेगी। साथ ही, अधिक निवेश करके ऐसी दालों की खेती करने के लिए और अधिक संख्या में किसानों को प्रोत्साहित किया जा सकेगा वहीं उन्हें उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने में सहायता दी जा सकेगी। इसके अलावा, यह कदम हमारे देश में ऐसी दालों के मामले में आत्मनिर्भर बनने में भी मदद करेगा।